DETAILS, FICTION AND HINDI KAHANI

Details, Fiction and hindi kahani

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hindi kahani story

यह क्या है? वह बोली—झलमला। मैंने फिर पूछा—इससे क्या होगा? उसने उत्तर दिया—नहीं जानते हो वाबू, आज तुम्हारी पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी

खुद को बदलो दुनिया को नही नैतिक शिक्षा कहानी

(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद

पराधीनता और आर्थिक शोषण में विरूद्ध आवाज उठाने वाली कहानियाँ हैं। 

हैलो दोस्तो मेरी यह कहानी काल्पनिक तो नहीं कही जा सकती क्योकी ये सच मे होता है मेरी यह कहानी हर एसे स्टुडेट के दिल की बात बया करेगी वैसा ट्राय करूगी सभी लोग चाहे कोई भी हो ज्यादा नही मगर पढा तो है ...

भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा-लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती

विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी

केन्द्रीय महत्व का स्वीकारा। मुशी प्रेमचन्द ने अपने जीवन काल में तीन सौ

'प्रेतमुक्ति' माता' 'भस्मासुर', दो मुखों का एक

की ‘गिरस्तिन', हिमांशु जोशी की 'एक बूंद पानी' अभाव, हृदयेश की सभाएँ' ‘डेकोरेशन पीस’” कहानियाँ काफी

शिवप्रसाद सिंह, रघुवीर सहाय, रामकुमार भ्रमर, विजय चौहान, धर्मवीर भारती, भीष्म साहनी, लक्ष्मी नारायण

किया गया है। इस सम्बन्ध में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी कहते हैं -

प्रेमचन्द की कहानी शैली से बिल्कुल भिन्न कहानियाँ हैं। एक राष्ट्रवादी

संधि-विग्रह/ककोलूकियम (कौवे और उल्लुओं की कथा)

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